हिन्दू धर्म में मूर्ति पूजा को माना जाता है, इसीलिए हिन्दू समुदाय से संबंध रखने वाले लोगो के घर में भगवान की मूर्तियां जरूर होती है | कई लोग अपने घर में सुख शांति और सदैव भगवान का आशीर्वाद बनाये रखने के लिए अपने घर में मूर्ति स्थापित करते है | वैसे तो वास्तु शास्त्र में मूर्ति से जुड़े कई नियम बनाये गए है, जिनमे कई चीजों का ध्यान रखने और कई तरह की मूर्तियों से जुडी मनाही है | लेकिन वास्तु शास्त्र में ही कुछ विशेष देवी देवताओ की प्रतिमा के बारे में बताया गया है, जिनको घर में स्थापित करने से घर में सुख शांति और धन धान्य में कृपा सदैव बनी रहती है | तो आइये जानते है, आज की इस पोस्ट में आपके लिए क्या खास है |
कई लोग घर में भगवान की कई मूर्तियां आदि रखते है, जबकि वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करना आवश्यक नहीं है | वास्तु के अनुसार आप यदि पूजाघर में 5 भगवानो की प्रतिमा रखे, तो ये और भी शुभ फल प्रदान करता है, जानकारी के लिए बता दे वास्तु में इसे पंचायतन कहते है | इन पंचायतन में भगवान गणेश, शिव, विष्णु, सूर्य और माँ दुर्गा की मूर्ति को शामिल किया जाता है, और साथ ही इससे मुर्तिदोष से भी मुक्ति मिलती है |
पंचायतन की स्थापना
गणेश पंचायतन
यदि आपके इष्ट देव गणेश जी है, तो आप पूजाघर में गणेश पंचायतन की स्थापना करे | इसके लिए आप सिंघासन के ईशान कोण में भगवान विष्णु, आग्नेय में शिव, मध्य में गणेश जी, नैर्ऋत्य में सूर्य देव और वायव्य कोण में माँ दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करे |
शिव पंचायतन
यदि आपके इष्ट देव शिव जी है, तो आप पूजाघर में शिव पंचायतन की स्थापना करे | इसके लिए आप ईशान कोण में विष्णु जी, आग्नेय में सूर्य देव, मध्य में शिव जी, नैर्ऋत्य कोण में गणेश जी और वायव्य कोण में माँ दुर्गा की स्थापना करे |
विष्णु पंचायतन
यदि भगवान विष्णु आपके इष्ट देव है, तो पूजाघर में विष्णु पंचायतन की स्थापना करे | इसके लिए आप सिंघासन के ईशान कोण में शिव, आग्नेय में गणेश जी, मध्य में विष्णु जी नैर्ऋत्य में सूर्य और वायव्य कोण में देवी माँ की स्थापना करे |
सूर्य पंचायतन
सूर्य देव के इष्ट देव होने पर, सिंघासन के ईशान कोण में शिव जी, आग्नेय में गणेश जी, मध्य में सूर्य, नैर्ऋत्य कोण में विष्णु जी और वायव्य में देवी दुर्गा की स्थापना करे |
दुर्गा पंचायतन
यदि आपकी इष्ट देवी माँ दुर्गा है, तो आप दुर्गा पंचायतन की स्थापना करे | इसके लिए आप सिंघासन के ईशान कोण में विष्णु जी, आग्नेय में शिव जी, मध्य में माँ दुर्गा, नैर्ऋत्य में गणेश जी और वायव्य में सूर्य देव को स्थापना करे |